सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर : नमस्कार किसान भाइयों, आपके लिए एक खुशखबरी है। भारत सरकार ने किसानों की आई बढ़ाने के लिए फसलों को खराब होने से रोकने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसमें जल्दी खराब हो जाने वाले फसल को आप कोल्ड स्टोरेज की तरह इसमें रख सकते हैं। सोलर पैनल माइक्रो कॉलिंग चैंबर लगवाने के लिए सरकार की तरफ से 12.5 लख रुपए की सब्सिडी जारी की जाएगी। इस माइक्रो कॉलिंग चैंबर से किसान अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है। तो चलो माइक्रो कॉलिंग चेंबर के बारे में चर्चा करते हैं, तो इसलिए को अंत तक पढ़ते रहिये। इसमें आपको संपूर्ण माहिती मिलेगी।
सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर क्या है ?
यह चैंबर एक छोटा सौर ऊर्जा से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज है, जो बिना बिजली के चलता है। इसमें 10 टन तक फल, सब्जियाँ, और अन्य नाजुक फसलों को ताज़ा रखा जा सकता है। यह तकनीक न सिर्फ बिजली के बिल को कम करती है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है।
सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर की खासियत :
- 50% सब्सिडी: सरकार चैंबर की स्थापना पर 25 लाख रुपये की कुल लागत में से 12.5 लाख रुपये अनुदान देगी।
- पहले आओ, पहले पाओ: आवेदन का नियम “फर्स्ट-कम-फर्स्ट-सर्व्ड” है, इसलिए जल्दी आवेदन करें।
- मौजूदा कोल्ड स्टोरेज को अपग्रेड करें: पुराने कोल्ड स्टोरेज को सोलर ऊर्जा से चलाने के लिए 15.50 लाख रुपये प्रति यूनिट की सहायता भी मिलेगी।
किसानों को मिलने वाले लाभ :
फसल सुरक्षा: फसलों को बर्बादी से बचाकर लंबे समय तक स्टोर कर सकेंगे।
- आय में वृद्धि: बाज़ार में सही समय पर फसल बेचकर बेहतर मुनाफा कमाएँ।
- खर्च में कमी: सोलर ऊर्जा से बिजली बिल शून्य होगा, और पर्यावरण को फायदा।
- गुणवत्ता बरकरार: फसलों की ताजगी और पोषण मूल्य बरकरार रहेगा।
सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर का कार्य :
यह चैंबर सोलर पैनल्स से जुड़ा होता है, जो धूप से बिजली पैदा करते हैं। इस बिजली से चैंबर का तापमान 4-10°C तक नियंत्रित रहता है, जिससे फसलें सड़ती नहीं हैं। यह तकनीक विशेष रूप से छोटे और मझोले किसानों के लिए वरदान है।
सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर को लगाने का खर्च :
- कुल लागत 25 लाख रुपये (सरकार 12.5 लाख रुपये सब्सिडी देगी)।
- किसान का खर्च केवल 12.5 लाख रुपये।
- बैंक लोन पर सब्सिडी भी उपलब्ध है।