बैटरी के बिना सोलर पैनल कैसे काम करता है ?
सोलर सिस्टम के प्रकार :
1. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम :
- यह सिस्टम बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है।
- सोलर पैनल से बनी बिजली सीधे घर में इस्तेमाल होती है और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेची जा सकती है।
- रात या बादल छाए होने पर ग्रिड से बिजली ली जाती है।
- यह सिस्टम कम खर्चीला होता है क्योंकि इसमें बैटरी की जरूरत नहीं पड़ती।
2. हाइब्रिड सोलर सिस्टम :
- इसमें बैटरी का विकल्प होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि आप इसका उपयोग करें।
- यह सिस्टम ग्रिड और सोलर दोनों के साथ काम करता है।
- अगर बैटरी नहीं लगाई जाती, तो यह ऑन-ग्रिड सिस्टम की तरह ही काम करता है।
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बैटरी के बिना सोलर सिस्टम के फायदे :
1. बैटरी न होने से सिस्टम की कीमत काफी कम हो जाती है।
2. बैटरी को समय-समय पर बदलना पड़ता है, लेकिन बैटरी-रहित सिस्टम में यह समस्या नहीं होती।
3. अगर सोलर पैनल से पर्याप्त बिजली नहीं बनती, तो ग्रिड से बिजली ली जा सकती है।
4. नेट मीटरिंग के जरिए आप ग्रिड को बिजली बेचकर पैसे कमा सकते हैं।
बैटरी-रहित सोलर सिस्टम के नुकसान :
- बैटरी न होने से सोलर पैनल रात में बिजली नहीं दे पाते।
- अगर ग्रिड बिजली कट जाती है, तो सोलर सिस्टम भी काम नहीं करेगा।
- मौसम खराब होने पर बिजली उत्पादन कम हो जाता है।
क्या आपके लिए बैटरी-रहित सोलर सिस्टम सही है ?
अगर आपके क्षेत्र में बिजली कटौती कम होती है और आप कम खर्च में सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो बैटरी के बिना सोलर पैनल आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। लेकिन अगर आपको 24 घंटे बिजली चाहिए, तो बैटरी वाला सिस्टम ज्यादा बेहतर रहेगा।