जब भी हम टीवी, सोशल मीडिया या अखबारों में Solar Panel की कोई विज्ञापन या जानकारी देखते हैं, तो हमारे मन में सबसे पहला सवाल यही उठता है – “क्या सोलर पैनल बारिश में भी बिजली बना सकता है?” और “अगर सूरज की रोशनी ही नहीं है, तो बिजली कैसे आएगी? do solar panels work in the rain
अगर आप भी यही सोचते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं पूरी सच्चाई – एकदम साफ, सरल और भावुक अंदाज़ में।
सोलर पैनल बारिश में काम करता है या नहीं?
हां, सोलर पैनल बारिश में भी काम करता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि बारिश के दौरान सूरज की रोशनी कम हो जाती है, जिससे पैनल की ऊर्जा उत्पादन क्षमता थोड़ी कम हो जाती है।
जब बारिश के पानी की बूंदें सोलर पैनल की सतह पर जम जाती हैं, तो सूर्य की किरणें सीधे पैनल तक नहीं पहुंच पातीं, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। लेकिन फिर भी, थोड़ी कम मात्रा में ही सही, बिजली मिलती जरूर है।
बिना धूप के बिजली कैसे मिलती है?
सोलर पैनल पूरे दिन सूरज से ऊर्जा लेकर बिजली बनाता है और उसे एक बैटरी में स्टोर करता है। बारिश या बादलों वाले दिन, जब सूरज नजर नहीं आता, तब यही बैटरी घरों और उपकरणों को बिजली देती है।
यह एक बेहद समझदारी भरा सिस्टम है – दिन की धूप, रात और बारिश में रोशनी का सहारा बन जाती है।
Direct Current से लेकर AC तक – सोलर की पूरी प्रक्रिया
- सोलर पैनल से बनने वाली बिजली DC (Direct Current) होती है। लेकिन हमारे घरों के पंखे, टीवी, फ्रिज जैसे उपकरण AC (Alternating Current) पर चलते हैं।
- इसलिए, एक इन्वर्टर की मदद से DC को AC में बदला जाता है। तभी जाकर हम अपने सोलर सिस्टम से घर की पूरी जरूरतें पूरी कर पाते हैं।
मार्केट में मिलने वाले दो तरह के सोलर पैनल
बिना बैटरी वाले सोलर पैनल यह थोड़े सस्ते होते हैं और सरकार की तरफ से इन पर सब्सिडी भी मिलती है। जब ज्यादा बिजली बनती है, तो आप उसे सरकार को बेच सकते हैं। बदले में, रात में या जरूरत पर सरकार आपको वही बिजली वापिस देती है।
बैटरी के साथ आने वाले सोलर पैनल
इनमें बैटरी होती है जो दिन में बिजली स्टोर करती है और जरूरत के समय उसका इस्तेमाल होता है। ये थोड़ा महंगे होते हैं, लेकिन बिजली की आत्मनिर्भरता के लिए बेस्ट माने जाते हैं।
सोलर पैनल – सिर्फ तकनीक नहीं, एक भविष्य की उम्मीद है
बारिश हो या बादल, सोलर पैनल आपके घर को उजाले से भरने का वादा निभाता है। ये सिर्फ एक तकनीकी उपकरण नहीं, बल्कि एक ऐसा निवेश है जो न सिर्फ आपके बिजली के खर्च को कम करता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।